उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग अंतर्गत प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में चल रहे पेयरिंग/मर्जर प्रक्रिया के व्यापक स्तर पर हो रहे विरोध को घोसी सांसद राजीव राय ने गंभीरता से लिया है। अभी हाल ही में जब यह प्रकरण घोसी सांसद राजीव राय के संज्ञान में आया था तो घोसी सांसद राजीव राय ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित पत्र लिखकर पेयरिंग/मर्जर के नाम पर विद्यालयों को बंद करने के आदेश को तत्काल निरस्त करने की मांग किया था।
आप को बता दें कि

वाराणसी में शिक्षा मंत्रालय सम्बंधित संसदीय स्थायी समिति की बैठक में उक्त समिति के स्थाई सदस्य तथा घोसी लोकसभा से सांसद राजीव राय ने बीएचयू में वाराणसी और प्रयागराज के सभी विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के कार्य प्रणाली का अवलोकन किया ।
वाराणसी में शिक्षा मंत्रालय सम्बंधित संसदीय स्थायी समिति की बैठक में उक्त समिति के स्थाई सदस्य तथा घोसी लोकसभा से सांसद राजीव राय ने बीएचयू में वाराणसी और प्रयागराज के सभी विश्वविद्यालयों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों के कार्य प्रणाली का अवलोकन किया ।
बेसिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार और शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा के साथ बैठक में घोसी सांसद ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक तथा उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पेयरिंग/मर्जर के संबंध में उक्त अधिकारियों से जानकारी हासिल की, जिसके जवाब में उक्त संबंधित अधिकारियों द्वारा बताया गया कि पेयरिंग/मर्जर की व्यवस्था अभिभावकों तथा ग्राम प्रधान द्वारा सहमति पत्र देने के पश्चात ही पेयरिंग/मर्जर की प्रक्रिया लागू की जाएगी, यदि किसी विद्यालय में पढ़ रहे बच्चों के अभिभावकों अथवा ग्राम प्रधान द्वारा बेसिक शिक्षा विभाग को सहमति पत्र प्रदान नहीं की जाती है, तो संबंधित विद्यालय को किसी भी दशा में मर्ज नहीं किया जाएगा ।
घोसी सांसद राजीव राय को घोसी लोकसभा के विभिन्न क्षेत्रों से जबरन तथा अभिभावकों से बिना सहमति पत्र प्राप्त किए पेयरिंग/मर्जर किए जाने के संबंध में तमाम शिकायतें मिल रही हैं। इसके संबंध में मीडिया के एक सवाल के जवाब में घोसी सांसद राजीव राय ने कहा बेसिक शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव दीपक कुमार और शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा ने शिक्षा मंत्रालय संबंधित संसदीय स्थाई समिति की बैठक में आधिकारिक रूप से जानकारी दिया है कि पेयरिंग/मर्जर करने के लिए संबंधित विद्यालयों के अभिभावकों तथा वहां के ग्राम प्रधान से सहमति पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है, बिना समिति पत्र प्राप्त किये एक भी विद्यालय मर्ज/पेयरिंग के नाम पर बंद नहीं किया जाएगा। ऐसे में तमाम शिकायतें आ रही हैं कि कुछ अधिकारी मनमाने ढंग से आदेशों की अवहेलना करते हुए बिना सहमति पत्र प्राप्त किये जबरन विद्यालयों को मर्ज/पेयरिंग के नाम पर बंद कर रहे हैं, अगर किसी भी अधिकारी ने ऐसा किया तो मैं स्वयं अधिकारियों पर कार्रवाई कराऊंगा। विद्यालयों को मर्जर/पेयरिंग करने से पहले अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी बच्चे को दूरी के चलते शिक्षा से वंचित न होना पड़े ।