आज अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री डैशबोर्ड आधारित कर करेत्तर राजस्व की वसूली तथा अन्य राजस्व कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में संपन्न हुई।
बैठक के दौरान माह अक्टूबर की राजस्व प्राप्ति में व्यापार कर 75.77, स्टांप रजिस्ट्रेशन 95.53, परिवहन 82.30, आबकारी 78.06, वन 3.91, खनन 118, भू राजस्व 19.34, विद्युत 111.48, बैंक देय 134.34, चिकित्सा तथा लोक स्वास्थ्य 99.33, मुख्य तथा मध्यम सिंचाई 4.47, सड़क तथा पुल 58.33 तथा नगर विकास विभाग स्थानीय निकाय 89.34 प्रतिशत रही। इस तरह से जनपद की माह अक्टूबर में 89.53 प्रतिशत उपलब्धि रही। समीक्षा में वन विभाग की उपलब्धि कम होने पर अपर जिलाधिकारी ने वन अधिकारी को कहा कि जनपद में संचालित आरा मशीनों की भौतिक सत्यापन करें तथा किन-किन आरा मशीनों की विद्युत कनेक्शन है या नहीं निर्धारित मानकों को पूर्ण किया जा है या नहीं, इसके अलावा फलदार या हरे वृक्षों की कटाई किए जा रहे हैं तो एफ आई आर दर्ज कराते हुए दंड निर्धारित करें तथा निर्धारित वसूली के लक्ष्य को शत प्रतिशत पूर्ण कराएं। खनन विभाग की समीक्षा में कहा कि समस्त एसडीएम अपने संबंधित तहसीलों के अंतर्गत आने वाले ईट भट्टो की जांच करते रहे जिससे पता चल सके कि ईंट भट्टो के संचालकों द्वारा रॉयल्टी जमा की जा रही है या नहीं तथा मिट्टी का खनन किस क्षेत्र से किया जा रहा है। यदि अवैध खनन किया जा रहा है तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करें। अपर जिलाधिकारी द्वारा संबंधित विभागों को इस बात का विशेष ध्यान देने को कहा गया कि जनपद की रैंकिंग खराब न हो। इसके लिए सभी अधिकारी जिम्मेदारी के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन करें, क्योंकि इसकी प्रगति की समीक्षा मुख्यालय स्तर पर की जाती है और मुख्यालय से ही प्रगति के आधार पर रैंकिंग निर्धारित होती है। अपर जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारी को निर्देश दिए कि 10 बड़े बकाएदारो के विरुद्ध अभियान चलाकर वसूली तथा कड़ी कार्रवाई करें। अपर जिलाधिकारी ने सभी तहसीलदार को कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि माह की प्रगति खराब हुई तो संबंधित तहसीलदार जिम्मेदार होंगे। सेल टैक्स में कम वसूली होने पर चारों तहसीलदारों को अगले बैठक से पहले 5 करोड़ की वसूली करने के भी निर्देश अपर जिलाधिकारी द्वारा दिए गए। फैमिली कोर्ट के द्वारा किए गए कार्रवाइयों का विवरण स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश सभी तहसीलदारों को दिए गए। स्टांप चोरी में संबंधित व्यक्ति के विरुद्ध वसूली या कुर्की की कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री डैशबोर्ड पर शिकायतों का निस्तारण गुणवत्ता एवं समयबद्ध तरीके से शिकायतों का निस्तारण करें, क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय से नियमित मॉनिटरिंग की जा रही है। तहसील कोर्ट में एक वर्ष, तीन वर्ष तथा पांच वर्ष से अधिक पुराने राजस्व वादों का निस्तारण प्राथमिकता के आधार पर सभी उप जिलाधिकारी एवं संबंधित तहसीलदार अनिवार्य रूप से करना सुनिश्चित करें। बैठक में लीड बैंक मैनेजर एवं राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान मऊ के अनुपस्थित होने पर अपर जिलाधिकारी द्वारा नाराजगी व्यक्त की गई साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि महत्वपूर्ण बैठक में अनुपस्थित होना यह साबित करता है कि अपने कार्यों के प्रति जिम्मेदार नहीं है।
बैठक के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी लवकुश त्रिपाठी, समस्त उप जिलाधिकारी, समस्त तहसीलदार, उपायुक्त उद्योग राजेश रोमन, अधिशासी अधिकारी नगर पालिका दिनेश कुमार सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।