अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का आयोजन दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के नेतृत्व में हुआ संपन्न


श्री देवी गायत्री शिक्षण एवं जन कल्याण समिति तिनहरी परसुपुर द्वारा संचालित माँ गायत्री पुनर्वास केंद्र और माँ गायत्री दिव्यांग समेकित विद्यालय रामपुर नगर क्षेत्र मऊ नाथ भंजन मऊ के संयुक्त तत्वाधान में बड़े ही धूम धाम के साथ विद्यालय प्रांगण में अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2024 का आयोजन किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि श्रीमती रश्मि मिश्रा दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस 2024 सभी बधिर व्यक्तियों और सांकेतिक भाषाओं का उपयोग करने वाले लोगों की भाषाई पहचान और सांस्कृतिक समृद्धि के संरक्षण और संवर्धन की वकालत करने का एक विशेष अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि 2024 में सांकेतिक भाषा दिवस के उत्सव के दौरान, पूरे जनपद में सांकेतिक भाषाओं द्वारा लाई जाने वाली एकता पर जोर देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
कार्यक्रम में संस्था की प्रधानाचार्य श्रीमती कामना देवी ने बताया कि इस समय दुनिया भर में 300 से अधिक विभिन्न सांकेतिक भाषाएं प्रयोग में लाई जाती हैं। इस समय दुनिया भर के बधिर समुदाय, सरकारें और नागरिक समाज संगठन अपने देशों के विविध भाषाई परिदृश्यों के अभिन्न अंग के रूप में राष्ट्रीय सांकेतिक भाषाओं को बढ़ावा देने और मान्यता देने के लिए मिलकर काम कर रहे है। यह दिन भाषा संचार को सुविधाजनक बनाने, समावेशिता को बढ़ावा देने और बधिर समुदायों की अनूठी सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सांकेतिक भाषाओं के महत्व की याद दिलाता है।
संस्था के प्रबंधक डा० धर्मेंद्र कुमार त्रिपाठी ने बताया कि अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस का प्रस्ताव विश्व बधिर संघ से आया है। यह एक ऐसा संगठन है जो दुनिया भर में लगभग 70 मिलियन बधिर व्यक्तियों के मानवाधिकारों का प्रतिनिधित्व करता है। इसे 97 संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों का समर्थन प्राप्त हुआ। इसे 19 दिसंबर, 2017 को सर्वसम्मति से अपनाया गया था। इस दिवस के लिए 23 सितम्बर की तिथि का चयन 1951 में विश्व बधिर संघ की स्थापना के उपलक्ष्य में किया गया था। अंतर्राष्ट्रीय सांकेतिक भाषा दिवस पहली बार 2018 में बधिरों के व्यापक अंतर्राष्ट्रीय सप्ताह के भाग के रूप में मनाया गया था। अंतर्राष्ट्रीय बधिर सप्ताह की शुरुआत सितम्बर 1958 में हुई थी। उन्होंने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि बधिर समुदाय के विविध दृष्टिकोणों को दुनिया भर में महत्व दिया जाए और उनका जश्न मनाया जाए, हम सभी को एक साथ मिलकर एक अधिक सुलभ और समझदार वैश्विक समाज में योगदान करना चाहिए ।
कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी का आभार व्यक्त किया | साथ मे विशेष शिक्षक आशुतोष कुमार त्रिपाठी, श्रीमती अवंतिका मिश्रा, पिंकी कुमारी, किरण यादव एवं अन्य सभी ने अपना सहयोग प्रदान किया। 
श्रीमती रश्मि मिश्रा दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने सभी दिव्यांग बच्चो को पुरस्कार प्रदान किया। कार्यक्रम में डिप्लोमा बौद्धिक और विकासात्मक विकलांगता तथा श्रवण बाधिता के प्रशिक्षुओ ने बहुत ही सुन्दर कार्क्रम प्रस्तुत किया।