जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता के विभिन्न धाराओं में लंबित वादों की जूम मीटिंग से की समीक्षा।


आज जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र ने जूम मीटिंग के माध्यम से जनपद के समस्त पीठासीन अधिकारियों के साथ उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की विभिन्न धाराओं में लंबित वादों के निस्तारण की स्थिति की समीक्षा की। जनपद में लगभग 19 हजार से भी ज्यादा राजस्व वाद विभिन्न धाराओं में लंबित है। इसके दृष्टिगत जिलाधिकारी ने गंभीर रूप अपनाते हुए लंबित वादों विशेष कर तीन एवं 5 वर्ष से अधिक के वादों के दिन प्रतिदिन सुनवाई करते हुए निस्तारण करने के निर्देश दिए। इस दौरान जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी,एडीएम, एसडीएम, एसडीएम न्यायिक,तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के न्यायालय में लंबित वादों की विस्तृत समीक्षा की। जिलाधिकारी ने मुख्य राजस्व अधिकारी एवं अपर जिलाधिकारी को समस्त पुराने वादों का त्वरित निस्तारण करने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान नायब तहसीलदार कोर्ट घोसी एवं मधुबन में वादों का निस्तारण मानक से भी कम होने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए जिला अधिकारी ने माह के अंत तक मानक के अनुरूप निस्तारण के निर्देश दिए। अन्यथा की स्थिति में कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने जिन तहसीलदार कोर्ट में ज्यादा लंबित वाद हैं, उन्हें नायब तहसीलदारों को भी सौंप जाने के निर्देश दिए। 5 वर्ष से अधिक 2180 लंबित मामलों में जिलाधिकारी ने अनावश्यक देरी न करने को कहा। दिन प्रतिदिन सुनवाई कर मामलों के तत्काल निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि वाद से संबंधित कोई जांच आख्या लंबित है, तो तत्काल जांच आख्या संबंधित न्यायालय को उपलब्ध कराए।जांच आख्या भेजने में देरी करने वाले संबंधित लेखपाल अथवा कानूनगो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश जिला अधिकारी द्वारा दिए गए। वर्तमान में जनपद मऊ में वादों के निस्तारण का प्रतिशत 91.59 है। जिलाधिकारी ने इसे जुलाई माह के अंत तक कम से कम 93 प्रतिशत लाने के निर्देश दिए। समीक्षा के दौरान जिला अधिकारी ने धारा 24, धारा 34, धारा 80 एवं धारा 116 के प्रकरणों को लंबा खींचने को औचित्यहीन बताते हुए इसमें तत्काल निर्णय लेते हुए इन वादों को निस्तारित करने को कहा। उन्होंने समस्त पीठासीन अधिकारियों को राजस्व वादों के निस्तारण में अपेक्षित कार्रवाई नहीं करने पर माह के अंत में उनका उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। जनपद मुख्यालय छोड़ने की स्थिति में विशेष कर हाई कोर्ट के मामलों में उन्होंने एक ही अधिकारी को नामित करने को कहा जो समस्त तहसीलों के मामलों को का हाई कोर्ट में पैरवी करें। उन्होंने कोर्ट ना चलने का बहाना नहीं बनाने को कहा। आवश्यक होने पर बार संगठन से वार्ता कर नियमित कोर्ट चलाते हुए वादों के निस्तारण के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि बोर्ड ऑफ रेवेन्यू द्वारा बार-बार राजस्व वादों के निस्तारण में शिथिलता बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। इस माह के अंत तक वादों के निस्तारण की स्थिति न सुधरने पर संबंधित पीठासीन अधिकारियों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। समीक्षा के दौरान ही जिलाधिकारी ने समस्त उप जिला अधिकारियों को पट्टा आवंटन प्रारंभ करने के निर्देश दिए। साथ ही पट्टा आवंटन के दौरान दिव्यांगजन, विधवा एवं परित्यकता को प्राथमिकता देने को कहा।