लोकदायित्व के तत्वावधान में निकली "रघुभूमि से तपोभूमि" तक यात्रा प्रारम्भ होकर जीयनपुर होते हुए अजमतगढ़ सलोनाताल स्थित रामवाटिका पहुंची।ऐसी मान्यता है कि ब्रह्मर्षि विश्वामित्र राम , लक्ष्मण के साथ कुछ देर ठहरे थे। वहां से होते हुए भक्त यात्री नौसेमर स्थित बारहदुअरिया शिव मंदिर पर पहुंची। मां सरयू और तमसा नदी के संगम तट पर स्थित इस मंदिर की विशिष्टता यह है कि चार शिखर चारों कोनों पर और बढ़ा शिखर बीच में। पंच शिखर वाले इस शिव मन्दिर में बाहर द्वार हैं। पौराणिक कथाओं में तथा शोधकर्ताओं द्वारा स्पष्ट किया गया है कि भगवान श्रीराम द्वारा इस स्थान पर अपने आराध्य महादेव का पूजन किया गया था। सभी रामभक्तो द्वारा यहां विश्राम कर प्रसाद ग्रहण कर काफिला अपने अगले पढाव के लिए चलकर में रामघाट पहुंचा। यहां श्रृषि विश्व मित्र के साथ श्री राम लक्ष्मण जी यहां सरयू में स्नान कर त्रेता युगीन स्थित शिवलिंग का पूजन अर्चन किया तथा यहां पर प्रभु राम विश्राम भी किये थे। जिसके चिन्ह् आज भी यहां मौजूद हैं। शहरों के गन्दे जल के कारण सरयू जी में गन्दगी चिंता पैदा कर रही है। जिसे स्वच्छ रखने के लिए लोगों में जागरूकता पैदा करना आवश्यक हो गया है। भक्तों का कारवां आगे अपनी मंजिल के लिए आगे बढ़ गया। विभिन्न मार्गों से गुजर रहे राम रथ यात्रा का गाय घाट पर भानुप्रकाश पांडेय एवं लोगों द्वारा यात्रा का स्वागत किया गया तथा पूजन अर्चन का कार्यक्रम जगह जगह चलता रहा। लोगों का अपने आराध्य श्री राम की भक्ति सभी को भावविभोर करती रही । यात्रा आज कारों धाम बलिया पहुंचकर विश्राम करेगी। इस यात्रा में मऊ जनपद से गौरक्षा विभाग के प्रांत अध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद, भानु प्रकाश पांडे के नेतृत्व में जिला अध्यक्ष गौ रक्षा अरविंद पांडे जिला उपाध्यक्ष गौरक्षा तुषार उपाध्याय विनोद यादव आदर्श उपाध्याय ज्वाला प्रसाद गुप्ता दिवाकर सिंह विनोद यादव तथा अन्य ने इस यात्रा का स्वागत किया तथा जनपद के सीमा तक इसको विदाई दी।