पाकिस्तान में जन्मे सतन मल सिंधी हमारे बीच नहीं रहे

सिन्धी समाज के सबसे बुजुर्ग स्व. श्री सतन मल सिन्धी जी अब हमारे बीच नही रहे । जिनकी उम्र 95 से 100 वर्ष तक बतायी जा रही है । पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त मे जन्मे सतन मल जी बटवारे की तकलीफ सहने के बाद वहां पर अपनी सारी सम्पत्ति छोड़कर परिवार सहित हिन्दुस्तान चले आये । हिन्दुस्तान के उत्तरप्रदेश के मऊ नाथ भंजन आकर बस गये । शुरू से ही संघर्षशील व ईमानदार छवि के थे। ये सिन्धी भाषा लिखने मे भी बहुत ही जानकार थे । शुरू से ही धार्मिक व सामाजिक कार्यो मे इनकी विशेष रूचि थी । माता रानी की पूजा व सेवा कार्य बहुत ही ईमानदारी पूर्वक करते थे जिस वजह से माता रानी का भी इनके ऊपर बहुत ज्यादा दया बनी हुई थी । भक्ति भाव व सबसे बुजुर्ग होने के कारण इनको सिन्धी समाज मे गुरु का दर्जा प्राप्त था।दुर्गा पूजा मे भसान के दिन रात भर मूर्ति विसर्जन मे भी सबके साथ चलते थे । सिन्धी समाज ने समाज की रीति रिवाजों के सम्पूर्ण जानकार अथवा गुरु को खो दिया है । जिस कारण से समाज की भारी क्षति हुई है । इनका दाह संस्कार का गाजीपुर के मां गंगा के पावन तट पर किया गया ।