संचारी रोग नियंत्रण अभियान के तहत जिले में 12 से 25 जुलाई तक दस्तक अभियान चलाया जाएगा जिसके अंतर्गत आशा-आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार व टीबी के रोगियों को खोजने और चिन्हित करने का कार्य करेंगी । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने दी । उन्होंने बताया - दस्तक अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कुपोषित बच्चों की सूची भी तैयार करेंगी । इस दौरान मिलने वाले टीबी संभावित रोगियों की जांच कराई जाएगी और पुष्टि होने पर इलाज शुरू किया जाएगा । जनपद बुनकर बाहुल्य क्षेत्र है, यहाँ जनआंदोलन के रूप में टीबी को लेकर जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है और गोष्ठी कर उन्हें जागरूक किया जा रहा है।
सीएमओ ने बताया कि इससे पहले मार्च में चलाए गए दस्तक अभियान के दौरान भी आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार व टीबी रोगियों, कुपोषित बच्चों, दिमागी बुखार, जन्म और मृत्यु पंजीकरण से वंचित लोगों की सूची तैयार की गयी थी। अभियान के दौरान टीबी के मरीज की सूचना देने और बीमारी की पुष्टि होने पर आशा कार्यकर्ती को प्रति मरीज रु500 प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ एसपी अग्रवाल ने बताया कि वर्ष 2025 तक टीबी से मुक्त बनाने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न पर हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होने कहा कि टीबी को साल 2025 तक हम तभी समाप्त कर पाएंगे, जब टीबी के रोगियों को ढूंढकर उनका इलाज पूरा सुनिश्चित किया जा सके। अभी तक हम टीबी रोगियों को एक्टिव केस फाइन्डिग (एसीएफ़) के अभियान के माध्यम से ढूंढते थे, जोकि साल में दो बार ही चलाया जाता है। यह अभियान जनपद की 10 फीसद आबादी के बीच ही संचालित किया जाता है । दस्तक अभियान के तहत लगभग पूरे जिले को कवर करते हुए टीबी के मरीज रोगी खोज जाएंगे। इन मरीजों को इलाज के दौरान बेहतर पोषण के लिये र500 प्रतिमाह बैंक के खाते में दिए जाते हैं।
राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यकम के पब्लिक प्राइवेट मिक्स (पीपीएम) समन्वयक जय देश यादव ने बताया कि दस्तक अभियान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों से बुखार सहित टीबी के लक्षणों के बारे में पूछेंगे तथा जानकारी प्राप्त करेंगे, संभावित रोगियों की जानकारी मिलने पर इसकी सूचना एएनएम के माध्यम से ब्लॉक के सीनियर टीबी सुपरवाइजर (एस.टी.एस.) को देंगी तत्पश्चात ऐसे लोगों की निःशुल्क टीबी जांच कराई जाएगी और क्षय रोग चिन्हित होने पर उनका निःशुल्क इलाज सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने ने बताया कि जिले में वर्ष 2021 जनवरी से अब तक जिले में टीबी के 1780 मरीज मिले हैं।


