विश्व क्षय रोग दिवस पर विभिन्न जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित टीबी की जानकारी के लिये 104 करें डायल

मऊ --जिला महिला चिकित्सालय के सभागार समेत नगर के विभिन्न स्थानों पर विश्व क्षय रोग दिवस (24 मार्च) पर जन जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया । इस क्रम में गोष्टी में सभी ब्लॉकों के टीबी के लिए कार्य करने वाले कर्मियों के समक्ष टीबी पर वृहद चर्चा की गई।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सतीश चंद्र सिंह ने बताया कि इस दिवस पर कार्यक्रम का प्रमुख उद्देश्य टीबी की रोकथाम और उपचार तक पहुंच बनाना, निरंतर फॉलो-अप, जांच के लिए पर्याप्त संशाधन, निक्षय पोषण योजना के तहत आर्थिक मदद, सामाजिक तिरस्कार और भेदभाव को खत्म करने को बढ़ावा देना और लोगों को एक न्यायसंगत, अधिकार-आधारित और प्रतिक्रिया को बढ़ावा देना है, क्षय रोग (टीबी) का पूरा नाम 'ट्यूबरकुल बेसिलाइ' है। टीबी से जुड़ी जानकारियों के लिये 104 डायल करें वहीं दूसरी अन्य जानकारियों के लिये 1800 11 6666 राष्ट्रीय टोल फ्री नंबर पर फोन कर समस्त सूचना प्राप्त कर सकते हैं।
जिला क्षय रोग अधिकारी एसपी अग्रवाल ने बताया कि यह दिवस समाज को जागरूक करने के लिए मनाना जाता है । हमारे देश प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत करने का लक्ष्य रखा है जिसकी उल्टी गिनती शुरू हो गई है। उन्होंने आगे बताया कि टीबी से ग्रसित लोगों को ढूंढने के लिए तथा उनके अंदर एक सकारात्मक विचार लाने के साथ ही समाज में लोगों को रोगियों के प्रति सकारात्मक विचार रखने और उन्हें सहयोग देने के लिए, इस तरह के विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन करने की आवश्यकता है। सरकार ने हेल्पलाइन नंबर और राष्ट्रीय स्तर पर टोल फ्री नंबर जारी करके, इसके संदर्भ में सहयोग देने के लिए आगे कदम बढ़ाया है।
 इस वर्ष दिवस की थीम 'द क्लॉक इज़ टिकिंग' है जिसका मतलब है कि दुनियाभर में टीबी जैसी घातक बीमारी को खत्म करने के लिए कोई बड़ा और जल्दी कदम उठाएं, क्योंकि हमारे पास समय की कमी है। यह बीमारी जितनी फैलेगी, लोगों के जान जाने का खतरा उतना ही ज्यादा है। टीबी की रोकथाम के लिए जल्दी और निर्णायक कदम उठाने की जरूरत है।
 विश्व क्षय रोग दिवस मनाने के पीछे का उद्देश्य टीबी संक्रमण के बारे में सार्वजनिक जागरूकता फैलाना और इस वैश्विक महामारी को खत्म करने के प्रयासों को बढ़ावा देना है। सन 1882 में डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी के जीवाणु की खोज की थी। डॉ कोच की खोज ने इस बीमारी के इलाज की दिशा में नए रास्ता खोल दिए। विश्व टीबी दिवस दुनिया भर में टीबी के प्रभाव के बारे में जनता को शिक्षित करने का दिन है। आज दुनियाभर में कैम्प लगाकर टीबी से बचने के उपाय और लक्षण की जानकारी दी जाती है। टीबी का इलाज आज विश्व के लगभग हर देशों में है। लेकिन फिर भी उस संक्रामक बीमारी से हर साल विकासशील देशों में लगभग 1.5 मिलियन लोगों की मौत हो जाती है।
टीबी के लक्षण और उपाए
 दो हफ्ते से ज्यादा खांसी होना, खांसी में खून/ थूक का आना, बुखार आना, भूख न लगना, सीने में दर्द, थकान का अनुभव इत्यादि।

टीबी से बचने के उपाए – 
 बच्चों को बीसीजी वैक्सीन लगवाएं, टीबी रोगी के पास मास्क और चेहरे को ढ़क कर जाए, टीबी के रोगी का ध्यान रखा जाए कि उसको सांस लेने में दिक्कत ना हो, टीबी के लिए डॉक्टर से संपर्क में रहें।