मऊ के ओलमा-ए-कराम की अपील- जुमे के नमाज़ के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों और अपने घरों में ही जुहर की नमाज अदा करें।


धर्म ईस्लाम तवक्कुल अलल्लाह के साथ सावधानी भी सिखाता है, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने पहले ऊंट को बांधने और फिर अल्लाह पर भरोसा करने का हुक्म दिया। वर्तमान में, दुनिया कोरोना वायरस के प्रभाव से पीड़ित है। भारत भी कठिन परिस्थिति से गुजर रहा है। यह वायरस अपना क्षेत्र निरतंर विस्तृत कर रहा है, जिसको देखते हुये भारत सरकार द्वारा 14 अप्रैल 2020 तक सम्पूर्ण देश में लाॅकडाउन लागू किया गया है ताकि लोगों का आवागमन कम हो और इस वायरस को बढ़ने का मौका न मिले। पैगंबर ने कहा कि जहां भी ताऊन (प्लेग) की बिमारी हो वहां जाने को मना किया और वहां के लोगों को कहीं और जाने से रोका। नबी (सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम) ने अल्लाह पर अपनी पूरी निर्भरता के बावजूद यह ऐहतियात बरता है। इसके अलावा, इस विश्वास के साथ कि रोग अल्लाह की इच्छा से आते हैं और यह उसकी इच्छा से ही रोगी ठीक होता है।
सरकार की कार्रवाई केवल एक एहतियाती उपाय के रूप में है, क्योंकि जिन देशों ने वायरस को घातक नहीं समझा है या एहतियाती उपाय करने से परहेज किया है वे भारी कीमत चुका रहे हैं। इसलिए, हम आपसे आग्रह करते हैं, कि एक दूसरे के इतने करीब न हों कि वायरस का संचार हो, भीड़ और जन-जमाव से बचें और निम्न सभी निर्देशों का पालन करें।

1. मस्जिदों की साफ-सफाई का ध्यान रखें। फिनायल और अन्य कीटनाशक दवाओं का उपयोग करें और मस्जिदों से तौलिए आदि हटा दें।
2. मस्जिदों में इमाम, मुअज़्ज़ीन और खादिम मस्जिदों को आबाद रखें, और बाकी लोग अपने घरों में नमाज़ अदा करें।
3. नमाज़ की अहमियत को ध्यान में रखें और इसे अपने घर में समय पर अदा करें। नमाज़ से गफलत एक बड़ा धार्मिक जुर्म है।
4. अपने पड़ोस के गरीबों की बिना धार्मिक भेद-भाव से सहायता करें।
5. जुमे के नमाज़ के लिए बड़ी संख्या में इकट्ठा न हों और अपने घरों में ही जुहर की नमाज अदा करें।
इन सभी सावधानियों के साथ, ध्यान रखें कि ऐसी आकस्मिक घटनाओं की स्थिति में, मुसलमानों का असली कर्तव्य अल्लाह से जुड़ना है, पश्चाताप करना और क्षमा मांगना है, इसलिए तौबा व इस्तगफार की भी पूरी व्यवस्था करें और सदका व खैरात करें क्योंकि सदका व खैरात से मुसीबत टलती है और गरीबों की भी जरूरत पुरी होती है, जो हमारा धार्मिक कर्तव्य है।

*सौजन्य सेः- मौलाना मुफ्ती अनवर अली, मौलाना मज़हर अली मदनी, मौलाना इफ्तेखार अहमद मिफ्ताही, मौलाना मोहम्मद मज़हर अल-आज़मी, मौलाना अनवर रसीद अल-आज़मी, मौलाना अहमदुल्लाह कासिमी, मौलाना खुर्शिद अहमद मिफ्ताही, मौलाना मुहम्मद आज़म, मौलाना एकबाल अहमद मुहम्मदी, मौलाना जमाल अहमद नदवी