बुजुर्ग माता पिता हमारे वट वृक्ष, इनको सम्मान देना हम सबका धर्म: सत्यवीर सिंह (सिविल जज)



मऊ: आदर्श प्राथमिक विद्यालय रकौली पर विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मऊ के तत्वावधान में वरिष्ठ नागरिकों के अधिकार एवं उनके संरक्षण विषय के संबंध में आयोजित किया गया । शिविर के  अतिथि  सिविल जज सीनियर डिवीजन श्री सत्यवीर सिंह तथा विशिष्ट अतिथि अपर सिविल जज उत्कर्ष सिंह व अमनमणि त्रिपाठी उपस्थित रहे । विधिक साक्षरता कार्यक्रम का प्रारंभ सरस्वती वंदना व अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए  सिविल जज सीनियर डिविजन सत्यवीर सिंह द्वारा उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों ,विद्यालय परिवार व बच्चों को संविधान की शपथ दिलाई और संविधान के महत्व पर प्रकाश डाला। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए सत्यवीर सिंह ने कहा कि आज समाज तेजी से बदल रहा है और हम अपनी संस्कृति व सभ्यता से दूर जा रहे हैं । आज तेजी से बदल रही व्यवस्था का सबसे बड़ा कुप्रभाव परिवार के बुजुर्गों पर पड़ रहा है जो बुजुर्ग वट वृक्ष की तरह पूरे कुटुम्ब और समाज के सम्मान के अधिकारी थे आज न्यायालयों में मुकदमों को देखने से लगता है कि उनके ऊपर कितना अत्याचार बढ़ गया है । विधिक साक्षरता बढ़ाते हुए उपस्थित ग्रामीणों को कानूनी जानकारी देते हुए उनके द्वारा शासन से प्रदत्त वरिष्ठ नागरिकों को उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं से अवगत कराया गया तथा संविधान में प्रदत्त अधिकारों से परिचित कराया गया। आपराधिक प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण पाने के अधिकारी हैं। संविधान में वर्ष 2007 में वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण कल्याण अधिनियम पारित किया गया है और वरिष्ठ नागरिकों को प्रत्येक तरह का संरक्षण दिया जा रहा है।
        साक्षरता शिविर को अमनमणि त्रिपाठी , उत्कर्ष सिंह न्यायाधीश द्वारा भी संबोधित किया गया और कानूनी प्रक्रिया को विस्तार से वरिष्ठ नागरिकों को समझाया गया । विद्वान न्यायाधीश द्वारा बताया गया कि पहले समाज में मां-बाप को पूजा जाता था और आज उनके साथ छल कर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। बताया कि धारा 23 के अंतर्गत वरिष्ठ नागरिकों द्वारा पाल्यों को दी गई संपत्ति को निरस्त कराया जा सकता है यदि उनके पाल्य वरिष्ठ नागरिकों को मूल सुविधाओं से वंचित करते हैं। भरण पोषण न्यायाधिकरण व अपीलीय न्यायाधिकरण द्वारा शिकायत होने पर 90 दिन में और अपरिहार्य परिस्थिति में 30 दिन में  ₹10000 तक भरण-पोषण प्राप्त करने का आदेश प्राप्त हो सकता है। इस कानून के तहत वरिष्ठ नागरिकों का परित्याग दंडनीय अपराध है । इस अपराध के लिए तीन माह तथा 5000 जुर्माना हो सकता है । कार्यक्रम में पधारे अतिथियों का स्वागत विद्यालय के प्रधानाध्यापक सतीश सिंह द्वारा किया गया तथा आभार एवं विद्यालय का परिचय कराते हुए अंजनी सिंह ने समस्त आगंतुक न्यायाधीश गण और विभागीय अधिकारियों तथा उपस्थित वरिष्ठ नागरिकों एवं भारत उत्थान समिति के अभिषेक सिंह व श्री नारायण सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी परदहां रमेश सिंह एवं जिला समन्वयक बालिका अखिलेश सिंह के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से समाज कल्याण अधिकारी बाल संरक्षण अधिकारी, एआरपी राजाराम ,अनिल सिंह ,अश्वनी सिंह,  सदफ कौसर, चन्दा सिंह,  अवनीश आदि उपस्थित रहे।