घोसी (मऊ)। तहसील सभागार में आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में तहसीलदार डॉ. धर्मेंद्र पांडेय ने क्षेत्र में नव नियुक्त लेखपालों के साथ परिचयात्मक बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक का उद्देश्य लेखपालों को उनकी जिम्मेदारियों से अवगत कराना और राजस्व संबंधी कार्यों में पारदर्शिता सुनिश्चित करना रहा। बैठक में लेखपालों को जनहित से जुड़ी समस्याओं को सर्वोच्च प्राथमिकता पर निस्तारित करने की सख्त हिदायत दी गई।
तहसीलदार डॉ. पांडेय ने कहा कि "आप सभी का कार्य न केवल प्रशासनिक व्यवस्था का संचालन है, बल्कि जनता का कानून पर विश्वास बनाए रखना भी आपकी जिम्मेदारी है।"
उन्होंने सभी राजस्वकर्मियों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि किसी भी प्रकरण में पक्षपात या पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर निर्णय न लें। "आपको दोनों पक्षों की बात निष्पक्ष रूप से सुननी चाहिए और भौतिक स्थिति का अवलोकन करके ही निर्णय लेना चाहिए," उन्होंने कहा। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी अधिकारी या कर्मचारी नियमों से हटकर किसी प्रकार के दबाव या प्रलोभन में आकर कार्य न करें
डॉ. पांडेय ने स्वामित्व योजना के अंतर्गत भूमि सर्वेक्षण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि "शेष स्वामित्व सर्वे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें ताकि ग्रामीणों को उनके अधिकारिक दस्तावेज प्राप्त हो सकें और भूमि विवादों में कमी आए।"
*समस्याओं का समाधान ही प्राथमिकता*
तहसीलदार ने जनहित की समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित करने का संदेश देते हुए कहा कि लेखपालों की भूमिका जमीनी स्तर पर शासन की योजनाओं को लागू करने में सबसे अहम होती है। "आपकी सक्रियता और संवेदनशीलता से ही प्रशासनिक भरोसे को मजबूती मिलती है," उन्होंने कहा।
इस अवसर पर लेखपाल संघ अध्यक्ष अरविंद पांडेय, गौरव राय, सुधाकर, जयप्रकाश यादव, मतीन खान, पारसनाथ, अजय चौहान, दिनेश, मनीष मिश्रा, कमलेश यादव विवेक सिंह, आशीष यादव, राम आशीष सिंह सहित अन्य राजस्वकर्मी व तहसील अधिकारी मौजूद रहे।