विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति उ0प्र0 के आह्वान पर 87वें दिन भी बिजली क्षेत्र के निजीकरण की चल रही प्रक्रिया के विरोध कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजना मुख्यालयों के साथ-साथ जनपद मऊ के ऊर्जा क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारी/अभियन्ताओं द्वारा जनपद मऊ मुख्यालय स्थित सहादतपुरा हाइडिल कालोनी के प्रांगण में स्थित कार्यालय अधीक्षण अभियन्ता विद्युत वितरण मण्डल मऊ के मुख्य द्वार पर कार्यालय अवधि समाप्ति के बाद सायंकाल 5.15 बजे शान्तिपूर्ण विरोध सभा रघुनन्दन यादव की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
सभा को सम्बोधित करते हुए समस्त वक्ताओं द्वारा एक स्वर से पुनः पूर्वांचल एवं दक्षिणांचल बिजली निगम के निजीकरण के निर्णय को वापस लेने की माॅग को दोहराते हुए कहा कि निजीकरण किसी भी तरह से कर्मचारियों के हित में नहीं है। तथा निजीकरण का निर्णय वापस होनें तक संघर्ष समिति अपने संघर्ष को शान्तिपूर्ण लोकतांत्रिक ढ़ंग से जारी रखेगी। संघर्ष समिति नें पुनः माॅग की है कि सरकारी वितरण निगम केस्कों कानपुर के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए उपभोक्ताओं और कर्मचारियों के व्यापक हित में पूर्वांचल विद्युत वितण निगम लि0 और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लि0 के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाय। साथ ही निजीकरण का नया निर्णय लेने के पहले आगरा और ग्रेटर नोएडा में निजीकरण के चलते पावर कारपोरेशन को हो रहे घाटे की समीक्षा किया जाना बहुत ही आवश्यक है। उल्लेखनीय है कि आगरा एशिया का सबसे बड़ा चमड़ा उद्योग है जबकि कानपुर शहर में सभी टेक्सटाइल मिल बन्द हो चुकी हैं और आज कानपुर शहर में कोई बड़ा उद्योग नही है। इसके बावजूद वितरण निगम में कार्यरत केस्को का फरफारमेन्स आगरा की टोरेन्ट पावर कम्पनी से बेहतर है। आगे संघर्ष समिति नें पुनः कहा कि सारी परिस्थितियों पर विचार करते हुए सरकार और प्रबन्धन को निजीकरण के लिये गये निर्णय पर पुर्नविचार करते हुए निजीकरण का निर्णय वापस लेना चाहिए। बिजलीकर्मी निजीकरण के एक तरफा निर्णय को स्वीकार नही करेंगें। तथा शान्तिपूर्ण लोकतांत्रिक ढ़ंग से निजीकरण के निर्णय वापस होनें तक अपने संघर्ष को जारी रखेंगें।
सभा को मुख्य रूप से सूर्यदेव पाण्डेय, रघुनन्दन यादव, पतिराम, ई0 जमुना प्रसाद, ई0 ओ0पी0 कुशवाहा, ई0 धीरेन्द्र यादव, ई0 जी0सी0 गौतम, दया, अमित सहगल, सुशील दूबे, विजय गोंड़, मनेाज गिरि, दिनेश, संदीप यादव, आलोक, मुकेश, रामसमुझ आदि ने भाग लिया।