आज जिलाधिकारी श्री प्रवीण मिश्र की अध्यक्षता में कर करेत्तर, राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यो की समीक्षा बैठक सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से संपन्न हुई। कर करेत्तर वसूली की समीक्षा के दौरान निर्धारित वार्षिक लक्ष्य के सापेक्ष व्यापार कर में अब तक 52.59 प्रतिशत, स्टैंप रजिस्ट्रेशन में 63.69, परिवहन कर में 63.24, आबकारी कर में 63.05, खनन में 93.23, विद्युत देय में 63.82, बैंक देय में 84.87 प्रतिशत उपलब्धि पाई गई।कर करेत्तर राजस्व प्राप्तियां में व्यापार कर में अब तक मात्र 52.59 प्रतिशत वसूली पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने व्यापार कर अधिकारी को बेहतर कार्य योजना तैयार कर इस वित्तीय वर्ष के अंत तक वसूली में वृद्धि करने के निर्देश दिए। भू राजस्व वसूली एवं विविध देयों में सभी तहसीलों में निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष प्राप्ति पर संतोष व्यक्त करते हुए जिलाधिकारी ने इसमें और वृद्धि करने को कहा। 10 बड़े बकायदाओं से वसूली की समीक्षा के दौरान उन्होंने अमीनवार एवं मदवार पुरानी एवं बड़ी आरसी की तहसील वार नियमित समीक्षा कर वसूली करने के निर्देश दिए। साथ ही बड़े बकायेदारों के बैंक अकाउंट की जांच करने तथा उनकी अचल संपत्ति की नीलामी प्रक्रिया अपनाते हुए वसूली करने को कहा।सीएम डैशबोर्ड के माध्यम से राजस्व कार्यो की समीक्षा के दौरान उन्होंने कल्याणकारी योजनाओं से संबंधित आवेदनों का तत्काल निस्तारण करने के निर्देश दिए जिससे, इन योजनाओं से पात्र लोगों को लाभ मिल सके। उन्होंने समस्त अधिकारियों से सीएम डैशबोर्ड पर दर्शित आंकड़ों की नियमित मॉनीटरिंग कर योजनाओं की प्रगति हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा।इस दौरान निवास, जाति एवं आय प्रमाण पत्रों को समय सीमा के अंदर जारी करने तथा कोई भी मामला लंबित न होने पर उन्होंने अधिकारियों को शाबाशी भी दी। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की विभिन्न धाराओं में लंबित वादों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान उन्होंने एक, तीन एवं पांच वर्ष से ऊपर लंबित समस्त वादों का यथाशीघ्र निस्तारण करने के निर्देश दिए। इसके अलावा निर्विवाद वरासत में कुछ मामले लंबित पाए जाने पर उन्होंने लापरवाह लेखपालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए। आइजीआरएस के तहत प्राप्त शिकायतों के निस्तारण की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने किसी भी शिकायत में डिफाल्टर की स्थिति ना आए, ये सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही उन्होंने शिकायतकर्ता से वार्ता कर फीडबैक अवश्य लेने तथा शिकायतकर्ता के संतुष्ट अथवा असंतुष्ट होने का उल्लेख भी अपनी जांच आख्या में दर्ज करने को कहा।उन्होंने शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापूर्ण ढंग से करने को भी कहा, जिससे दोनों पक्ष संतुष्ट हो सके। इस दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी, अपर जिलाधिकारी सत्यप्रिय सिंह, समस्त उप जिलाधिकारी एवं तहसीलदार तथा अन्य संबंधित अधिकारी गण उपस्थित रहे।
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जिलाधिकारी के अध्यक्षता में कर करेत्तर,राजस्व वसूली एवं अन्य राजस्व कार्यो की समीक्षा बैठक संपन्न