मऊ- मऊ में महिलाओं ने रक्तदान कर मनाया नया साल, रक्तदान करने की लगी होड़

मऊ। थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्त की कमी एक बड़ी समस्या बनती नजर आ रही है। जिसके चलते पिछले माह कुछ बच्चों का निधन भी हो गया। इधर कुछ हफ्तों से सोशल मीडिया पर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान की अपील की जाती रही। जिसकी सूचना पाकर मऊ शहर की दर्जन भर से अधिक महिलाओं ने एक अनोखा निर्णय लेते हुए तय किया कि इस वर्ष नया साल रक्तदान कर मनाएंगे। जिसके तहत 15 से अधिक महिलाओं ने नए वर्ष के अवसर पर रक्तदान किया। महिलाओं के रक्तदान की लोग तारीफ करते नजर आए।
गौरतलब हो कि मऊ जनपद में 35 से अधिक बच्चे थैलेसीमिया रोग से पीड़ित हैं। जिनके शरीर में जन्मजात रखकर नहीं बनता। जिसके चलते विभिन्न बीमारियों से ग्रसित होकर उक्त बीमार बच्चों का निधन हो जाता है। परिजन भी प्रति 15 दिन पर एक से दो यूनिट तक रक्त की व्यवस्था करते करते थक जाते हैं। ऐसे में मऊ थैलेसीमिया वेलफेयर सोसाइटी द्वारा रक्तदान के लिए लोगों का आह्वान किया जाता है। जिससे बच्चों को जीवन प्राप्त हो सके। 
थैलेसीमिया वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रवि खुशवानी द्वारा गत दिनों सोशल मीडिया पर रक्तदान की अपील की गई। इसका असर यह हुआ कि नगर की कुछ महिलाओं ने तय किया कि इस वर्ष रक्तदान करके नया साल मनाया जाएगा। जिसके तहत शनिवार को नगर स्थित शारदा नारायण ब्लड बैंक में उक्त महिलाओं द्वारा रक्तदान किया गया।
 रक्तदान करने वालों में प्रिया चावला, पल्लवी खुशवानी, पूजा राय, श्रद्धा खंडेलवाल, अंजलि खुशवानी, खुशी खुशवानी, नम्रता खुशवानी, लविषा रहेजा, प्रियांशी खुशवानी, पारुल खंडेलवाल पल्लवी जज्ञाशी, अलका, पूजा वाधवानी, ट्विंकल छतेजा व सुनीता खुशवानी सहित 16 महिलाएं शामिल रही।
इस अवसर पर इन महिलाओं का उत्साहवर्धन करने वालों में प्रख्यात चिकित्सक डॉ एकिका सिंह, डॉक्टर संजय सिंह, डॉ सुजीत सिंह, भाजयुमो राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शक्ति सिंह, अजहर फैजी, श्रीराम जायसवाल इत्यादि उपस्थित रहे।

रक्तदान कर उत्साहित रही महिलाएं
नए वर्ष के अवसर पर थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों के लिए रक्तदान करने वाली महिलाओं में काफी उत्साह देखा गया। वहीं पहली बार रक्तदान कर रही युवतियां इसको लेकर काफी उत्साहित रहीं। रक्तदान करने के बाद पल्लवी जज्ञाशी, प्रिया चावला, पूजा वाधवानी, श्रद्धा खंडेलवाल सहित सभी महिलाओं ने कहाकि नया वर्ष मनाने का इससे अच्छा माध्यम नहीं मिल सकता। अब हम प्रायः ऐसे मौकों पर इन बच्चों के लिए रक्तदान करेंगे।