मऊ --आरबीएसके की मदद से सात वर्षीय पंकज को मिला नया जीवन,दिल में छेद का हुआ सफलतापूर्वक निःशुल्क इलाज

दिल में छेद का हुआ सफलतापूर्वक निःशुल्क इलाज

जन्मजात विकृतियों से ग्रसित बच्चों का हुआ मुफ्त इलाज  

मुख्य चिकित्सा आधिकारी डॉ सतीशचन्द्र सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के अंतर्गत जन्म से 19 वर्ष तक के बच्चों व किशोर- किशोरियों को 44 प्रकार की जन्मजात विकृतियों और बीमारियों का निःशुल्क इलाज प्रदान कराया जाता है। कोरोना काल में अब तक विभिन्न जन्मजात विकृतियों के कुल 55 बच्चों का निःशुल्क इलाज आरबीएसके के अंतर्गत किया गया । सभी बच्चे अपने परिवार के बीच पूरी तरह से स्वस्थ हैं और आरबीएसके के टीम की देखरेख में हैं।

    जनपद के घोसी ब्लाक के अंतर्गत फरवरी 2019 में आरबीएसके की टीम, जिसमें टीम लीडर डॉ इंदरकेश यादव, महिला चिकित्सक डॉ प्रियंका गुप्ता, स्टाफ नर्स रीना राय व ऑप्टोमेट्रिस्ट जय प्रकाश यादव, द्वारा स्क्रीनिंग में मानिकपुर गांव के छोटे लाल के सात वर्षीय पुत्र पंकज को लक्षण के आधार पर दिल में छेद परिलक्षित हुआ जिसके बाद टीम ने पंकज को जिला अस्पताल में लाकर पूरी जाँच की तो उसके दिल में छेद होने की पुष्टि हुयी। आरबीएसके के सहयोग से अलीगढ़ मेडिकल कालेज भेजा गया। जहां कोविड़ लॉकडाउन एवं लंबे समय की प्रतीक्षा के बाद जहां पीडियाट्रिक कार्डिक सर्जन एवं विशेषज्ञ टीम देखरेख में पंजक का सफल ऑपरेशन 9 अप्रैल (शुक्रवार) को हुआ। अब पंकज पूरी तरह से स्वस्थ है। जल्द ही उसे अस्पताल से छुट्टी मिल जायेगी, जिसके उपरांत उसकी जिंदगी सभी बच्चों की तरह सामान्य हो जाएगी। 
 
पंकज की माँ सरस्वती ने बताया कि जब से पैदा हुआ था, तब से वह बीमार ही रहता था तथा जल्द थक जाता था । किसी कार्य में उसका मन नहीं लगता था । डॉक्टर से बार-बार बीमार रहने के कारण इस जन्मजात बीमारी के बारे में जानकारी हुई । डॉक्टर ने बताया कि इसके दिल में छेद है। इसके इलाज में तीन लाख रुपये का खर्च आएगा। यह सुनते ही मटा-पिता के पैर के नीचे से जमीन खिसक गई । सामान्य सा काम करके बामुश्किल अपना खर्च चला पाने वाला परिवार पास इतना पैसा कहां से लायेगा और अपने बेटे की जिंदगी को बचा पायेगा। उसके बाद से पूरा परिवार भगवान भरोसे बैठ गया। लेकिन एक दिन केंद्र सरकार की स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आरबीएसके के डॉक्टर द्वारा आंगनबाड़ी केंद्र पर परीक्षण किया गया । टीम द्वारा बताया गया कि आरबीएसके योजना द्वारा आपके बच्चे का निःशुल्क ऑपरेशन कराया जाएगा । यह मेरे परिवार के लिए वरदान साबित हुई । परिवार वालों ने कहा कि उनके बेटे के सफलतापूर्वक निःशुल्क ऑपरेशन होने से वह खुश है। सभी डॉक्टरों को धन्यवाद व्यक्त किया ।

 नोडल अधिकारी डॉ बी के यादव ने बताया कि कोविड-19 में भारत सरकार की इस योजना के अंतर्गत जिन बच्चों को लाभ मिला, उन सभी से लगातार क्षेत्र में तैनात आरबीएसके के टीम के संपर्क में हैं। इन सभी को लगातार निरीक्षण और निगरानी के साथ समय-समय पर दवाएं भी उपलब्ध करा दी जाती हैं।

 डीईआईसी मैनेजर अरविंद वर्मा ने बताया कि कुल नौ ब्लॉकों में कार्यरत सभी 18 टीम को यह निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक वर्ष आंगनवाड़ी में दो बार तथा कक्षा 1 से 12 तक के सरकारी व सरकारी सहायता प्राप्त विद्यालयों में एक बार भ्रमण कर स्वास्थ्य परीक्षण कर चिन्हित बच्चे को आरबीएसके योजना का लाभ प्राप्त कराते रहें, जिससे समाज के आर्थिक संकट से ग्रसित परिवार के बच्चों का निःशुल्क उपचार हो सके। कोविड के कारण विद्यालय व आंगनबाड़ी अभी बंद चल रहे है जिससे परीक्षण करना संभव नहीं है, पुनः विद्यालय खुलते ही भ्रमण कर स्वास्थ्य परीक्षण का कार्य शुरू हो जाएगा।